मनीषा शहारे:
सरिता, पांडुटोला गाँव की लड़की थी, 2004 में कन्हाल गाँव में उसकी शादी हुई। सरिता को सब सरु बोलते थे। सरिता के ससुराल घर में पति, सास, ससुर और सरु, चार लोग थे। सरु एक साधी और सरल स्वभाव की महिला थी, वो कभी किसी को पलटकर जवाब नहीं देती थी। सरू खेत में काम करती थी, खेती के काम में वो अपने पति के साथ बीज बोना, रोपाई, धान फसल काटने के काम के साथ-साथ, नरेगा का काम करना, मिट्टी की खोदाई करना, ईंट भट्टे में काम, जैसे सभी मेहनत वाले काम करती थी।
सरिता के घर के सब लोगों ने जयगुरु का मार्ग लिया था, तो सरिता के ससुराल वालों ने उसको भी जयगुरू का मार्ग लेने के लिए मजबूर किया। हवन करना, त्यौहार में खाना बनाना, ये सब काम करने के लिए भी वह लोगों के साथ जाती थी। एक दिन अचानक सरिता ने ध्यान दिया तो अपने स्तन में एक गाँठ पायी। पति को जब सरिता ने बताया तो उसने ध्यान नहीं दिया।
जब समय के साथ वो गाँठ बढ़ती ही चली गई तो सरिता ने ये बात अपनी सास को बताई। उसकी सास ने कहा कि ऐसी बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए, वरना बदनामी होती है। उसकी सास ने सरिता का इलाज घर में ही शुरू करवाया। मेरी बहु पर किसी ने जादू-टोना किया है, ऐसा बोलकर सरिता की सास, उसे एक साधु के पास से राख लाकर देती थी और कुछ पानी पिलाती थी। जब सरिता को बहुत ज़्यादा दर्द होने लगा तो उसे इलाज के लिए नागपुर लेकर जाने के लिए गाँव के लोगों ने बोला। जब नागपुर में सरिता का इलाज शुरू हुआ जाँच से पता चला कि सरिता को स्तन का कैंसर है।
अब उसका स्तन कैंसर का इलाज चल तो रहा था, लेकिन उसकी स्तन की गाँठ बहुत ज़्यादा बढ़ गई, उसका दर्द भी बहुत बढ़ गया और उसकी तबियत और ज़्यादा खराब हो गई। बढ़ते दर्द को देखकर सरिता के पिताजी ने कहा, कि ये बिमारी नहीं है बल्कि कुलदेवता का प्रकोप है और सरिता पर जादू-टोना किया गया है। उसे मैं अपने घर ले जा रहा हूँ, देखना तीन दिन में लड़की अच्छी हो जाएगी। ऐसा बोलकर सरिता को उसके पिताजी मायके ले गये और साधु को बुलाकर, देवी के सामने रखकर राख खिलाना, अगरबत्ती का धुआँ देना, ये सब एक महीने तक उसके साथ किया। इसी सब के बीच 2020 में सरिता की मौत हो गई, अब सरिता के घर के सारे काम की ज़िम्मेदारी उसकी 14 वर्षीय बेटी के ऊपर है।