जब लोग हक़ को भीख और भीख को हक़ समझने लगें

अरविंद अंजुम: ईचागढ़ झारखंड प्रदेश का एक विधानसभा क्षेत्र है। इसी इलाके में सुवर्णरेखा नदी पर चांडिल बांध बना है जिसमें 116 गांव के 15

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असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों के लिए मददगार साबित हो रही है इंडिया लेबरलाइन

आशुतोष मिश्रा: इंडिया लेबरलाइन (1800-833-9020) एक मज़दूर जो अपनी आजीविका के लिए घर छोड़कर इस आशा के साथ पलायन करता है कि उसे रोज़गार मिलेगा।

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सिर्फ कागज़ की वस्तु बनकर रह गया है पंचायतों में महिला आरक्षण 

एड. आराधना भर्गव: सीधी जिले के वार्ड क्रमांक 06 सेमरिया की जिला पंचायत सदस्य शान्ति कोल जी से मेरी मुलाकात 16/04/2022 को उनके निवास स्थान

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उत्तराखंड के तिलाड़ी के शहीदों को श्रद्धांजलि 

मुनीष कुमार:  30 मई, 1930 भारत के इतिहास का अविस्मरणीय दिन है। इस दिन उत्तराखंड के बड़कोट में स्थित तिलाड़ी के मैदान में अपने अधिकारों

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पुस्तक परिचय: धरती सागर और सीपियाँ- अमृता प्रीतम

सिद्धार्थ: अमृता प्रीतम भारतीय साहित्य के कुछ उन चुनिन्दा नामों में से एक है जिन्होंने अपनी लिखावट को किसी एक खास फ़र्मे में बांधकर नहीं

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ज़िंदगी में रिश्तों की अहमियत

गोपाल पटेल: इस दुनिया में रिश्ते बनाना आसान है, लेकिन रिश्तों को निभाना बहुत कठिन है। जो इसकी अहमियत जानता है , वही इसे इत्मिनान

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