कहाँ चले गए साकची (जमशेदपुर) के आदिवासी ?

संजय बाड़ा: ’30 साल पहले टाटा स्टील में आदिवासी मज़दूरों की संख्या करीब 29 हज़ार थी, जो अब घटकर लगभग 1900 हो गई है।’ यह

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सर्पदंश से सबसे ज्यादा मृत्यु ग्रामीण क्षेत्रों में होती है

अनुज बेसरा: मानसून के मौसम के आते ही चारों ओर हरियाली और ताजगी के साथ खेतों में हल चलाते किसानों की तोतो-नोनो की आवाज वातावरण

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ସମ୍ବିଧାନ ଗୀତ | संविधान गीत

ଲୋଚନ ବରିହା (लोचन बरिहा): ଶୁନ ଶୁନ ମାଁ ବହେନ ଦଦା ଭାଇ ଶୁନ।ଚଲୁଛେ ଭାରତେ ଆମର ଭାରତୀୟ ସମ୍ବିଧାନ।।ସର୍ବଭୌମ୍ୟ ଗଣରାଜ୍ୟ ଭାଇ ରେ ଲୋକଙ୍କ ସାଶନ।।ଇଟା ସୋର ରଖି ଥା ରେଘରେ ଘରେ

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ସ୍ବାଧିନ ଭାରତର ପରାଧିନ ନାଗରିକ | ईंट भट्टों के मज़दूर: स्वतंत्र भारत के पराधीन नागरिक

ଡୋଲାମଣି ବନଛୋର (डोलामणी वनछैर): ଓଡ଼ିଶା ପ୍ରଦେଶର କେ.ବି.କେ. ଅଂଚଳ ବଲାଙ୍ଗିର ଜିଲ୍ଲା ତୁରେକେଲା ବ୍ଳକର କୁଲିଆଦର ଗ୍ରାମର ତେର (୧୩) ଗୋତି ଶ୍ରମିକ ପରିବାର ଉଦ୍ଧାର ହେବାର ଚାରିବର୍ଷ ପରେ ମଧ୍ୟ ପ୍ରଶାସନକୁ

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हम गरीब कैसे बने – 3 : महंगी पड़ी नमला को जुवार!

कुछ सुनी, कुछ आँखों देखी – अस्सी – नब्बे के दशक में पश्चिम मध्य प्रदेश के आलीराजपुर ज़िले में खेडुत मजदूर चेतना संगठ में काम

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युवा देश का भविष्य है, लेकिन युवाओं का भविष्य क्या है?

जयश्री: भारत दुनिया का सर्वाधिक युवा देश कहलाता है। 18 से 29 वर्ष उम्र के युवक-युवतियां भारत की जनसंख्या के 22% यानी कि 26 करोड़

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