तब तुम क्या करोगे?

ओमप्रकाश वाल्मीकि: दलित साहित्य के अग्रणी लेखकों, विचारकों और कवियों में से एक ओमप्रकाश वाल्मीकि का जन्म 30 जून, 1950 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर

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जाति प्रथा और भेदभाव के खिलाफ़ आवाज़ उठाना – हमारा पहला फ़र्ज़ है

कविता भील: यह तो आप सभी जानते हैं कि जाति क्या है। इस दुनिया में सभी व्यक्तियों की अलग-अलग जातियाँ होती हैं। वैसे तो जातियाँ

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“अफसोस की बात है कि छुआछूत आज भी हो रहा है”: मधु भील

मधु भील: जाति शब्द तो आप सभी जानते हैं। हर समाज – भील, मीणा, मेघवाल, खटीक, हरिजन आदि, जातियों के लोगों को नीचा मानता है।

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कोरोना महामारी के बाद झारखण्ड राज्य में पलायन की महामारी का सम्भावना: एक गंभीर समस्या

अनुज बेसरा: आज़ादी के लगभग 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी अधिकांश भारतीय गाँवों की स्थिति वैसी ही है, जैसी आज़ादी मिलने के समय

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विडियो स्टोरी: ढास/लाह प्रथा आदिवासियत को बचाने में अहम भूमिका निभाती है

युवनिया के उन्नीसवें संस्करण में मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के साथी सुरेश द्वारा लिखे लेख – आदिवासियत को बचाने में अहम भूमिका निभाती ढास/लाह

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