–आदिवासी युवाओं को आइना दिखाया एक लेख। महेश मईडा: युवाओं के पढ़ाई-लिखाई से जुड़ाव पर पिछले कुछ सालों से और खास तौर पर इस कोरोना

युवाओं की दुनिया
–आदिवासी युवाओं को आइना दिखाया एक लेख। महेश मईडा: युवाओं के पढ़ाई-लिखाई से जुड़ाव पर पिछले कुछ सालों से और खास तौर पर इस कोरोना
सुरेश डुडवे: बादल उम्र करीब 8 साल, पैर में टूटी हुई चप्पलें, फटा हुआ टी शर्ट और लगभग उसी हालत में उसकी पैंट। मुंह में
प्रेरणा: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की भदेसर तहसील से युवानिया की संपादक प्रेरणा, अपने काम के दौरान महामारी के हालातों का जायज़ा लेने काफी सारे गांवों
गोपाल पटेल; कृष्णा सोलंकी: मैं बक्सवाहा का जंगल हूँ,जो भी कोई जीव मेरी गोद में समाए हुए हैं,मैं उनका लालन-पालन करती हूँ। आज मुझे बचा
अखिलेश: वैक्सीन को लेकर समाज में लोग अलग-अलग तरह की बातें सोचते हैं। जो लोग बाज़ार में रहते हैं, जो शिक्षित परिवार से हैं, वह
वीरेंद्र दुबे: मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में स्थित बक्सवाहा के जंगल, दमोह और पन्ना ज़िलों से लगे हुए हैं, जहाँ पर हीरा खनन परियोजना