बदलते दौर में युवाओं की आज़ादी के बदलते मायने

किरण डुडवे:

युवाओं के लिए उनकी आज़ादी और अधिकारों का बहुत बड़ा महत्व है। आज का युवा किसी भी चीज़ में बंध कर नहीं रहना चाहता। वो चाहता है कि कोई उसे नियंत्रित न करें। युवावस्था जिंदगी का एक ऐसा पड़ाव होता है जहां आज़ादी की ज़रूरत सबसे ज़्यादा महसूस होती है। हमारे पूर्वजों ने कठिन संघर्ष के बाद जब हमें स्वतंत्रता दिलाई थी, तब उनके लिए आज़ादी के बुनियादी मायने अलग थे। लेकिन आज़ादी के 73 साल बाद, आज हमारे पास विचारों के आदान- प्रदान से लेकर तकनीक, शिक्षा, संसाधन, विज्ञान, परिधान हर तरह की आज़ादी है। ऐसे में जानना ज़रूरी है कि आज के युवाओं के लिए आज़ादी के क्या मायने हैं?

अक्सर लोगों को लगता है कि किशोरों के लिए स्वतंत्रता दिवस का मतलब ध्वजारोहण, स्कूल-कॉलेज के फंक्शन, एक दिन की छुट्टी, टीवी-एफएम पर देशभक्ति के गाने सुनना, फेसबुक और वाट्सएप पर मैसेज पोस्ट करने तक ही सीमित है। आज़ादी को लेकर इस पीढ़ी का अंदाज़ भले ही अलग नज़र आता हो, लेकिन एक सच यह भी है कि आज के युवा अपनी आज़ादी और अधिकारों का इस्तेमाल नए भारत के निर्माण के लिए भी कर रहे हैं।

ऑनलाइन इंडिपेंडेंस-  इंटरनेट अफेक्शन में बसने वाले युवाओं के लिए आज विचारों की स्वतंत्रता काफी मायने रखती है। वे खुलकर हर अपने विचारों को साझा करते हैं। अपने विचारों, अधिकारों को लेकर युवाओं की एकजुटता 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान दिखी थी, जब वे खुलकर सोशल नेटवर्किग साइट्स पर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ बोलते और अन्ना का समर्थन करते नज़र आए।

सोशल मीडिया ने आंदोलन को जनआंदोलन का रूप दिया। हाल में नेट न्यूट्रेलिटी मामले पर कड़ा विरोध जताया। युवाओं का मत है कि जैसे मोबाइल नेटवर्क कंपनी यह तय नहीं कर सकती कि आप किसे कॉल कर सकते हैं और किसे नहीं, वैसे ही इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को भी ऑनलाइन अभिव्यक्ति को सीमा में नहीं बांधना चाहिए।

काम करने की आज़ादी- आज के युवा माता-पिता के सपनों के बजाय खुद के सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला रखते हैं। वे आर्थिक रूप से सक्षम होना चाहते हैं। वे पारंपरिक सरकारी नौकरियों के बजाय ऐसी नौकरियों को तरज़ीह दे रहे हैं, जहां उन्हें बेहतरीन पैकेज के साथ काम करने की आज़ादी भी मिले।

जीवनसाथी चुनने की आज़ादी- आज के युवा घरवालों के बजाय अपनी पसंद के लाइफ पार्टनर को चुनने को प्राथमिकता दे रहे हैं। जाति, धर्म, समाज जैसे बंधन में बंधने को वे तैयार नहीं हैं। इसके कई सकारात्मक परिणाम इंटरकास्ट मैरिज के बढ़ते ग्राफ, दहेज मामलों में कमी आदि के रूप में सामने भी आ रहे हैं। हाल ही में हरियाणा के सतरोल खाप पंचायत ने अपने क्षेत्र में 36 अलग-अलग जातियों के लोगों के आपस में शादी करने पर से प्रतिबंध को समाप्त कर दिया है। हरियाणा जैसे राज्य में यह एक बड़ा बदलाव है।

पिछले साल हुए एक सर्वे में लगभग 42 हजार लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अंतरजातीय विवाह किया है। हालांकि भारत में ऐसी शादियों का आंकड़ा अभी 5 फीसदी hi है। मध्य प्रदेश में यह 1 और गुजरात व बिहार में 11 फीसदी से भी अधिक है। इस तरह अगर देखा जाए तो युवा अपनी आज़ादी का इस्तेमाल समाज की कई रूढ़ीवादी परंपरा को खत्म करने के लिए कर रहे हैं। जैसे सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी प्रकार इस मामले में भी दो पहलू हैं- सकारात्मक एवं नकारात्मक। 

हमने सकारात्मक हिस्सा देखा, परंतु नकरात्मक हिस्सा इससे बिल्कुल अलग होगा। जिसमें युवाओं द्वारा आज़ादी का दुरुपयोग किस प्रकार किया जाता है या कहे की आज़ादी का गलत फायदा उठाना, एक ओर जहां युवा आज़ादी का इस्तेमाल अपनी और देश की तरक्की के लिए करते हैं, वहीं कुछ मौज-मस्ती, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने या नशे के लिए अपनी आज़ादी का इस्तेमाल करते हैं। हालाकि उन्हें ये बातें सही लगती है, लेकिन यह समाज की विधि का उल्लंघन है जिसे गलत माना जाता है।  

कुछ यह भी मानते हैं कि अगर आज़ादी को नियमों में बांध दिया जाए तो वह आज़ादी कहां रही। फ्रांस के अखबार शार्ली एब्दो के ऑफिस में हुए आतंकी हमले के बाद अभिव्यक्ति की आज़ादी की सीमा को लेकर सारी दुनिया में बहस तेज़ हो गई।

कई लोगों ने इस बात का समर्थन किया कि अभिव्यक्ति की आज़ादी उसी सीमा तक सही है जब तक यह किसी संप्रदाय विशेष को उकसाने या अपमानित करने का कार्य न करे। हालांकि हमले को लेकर हर किसी ने शार्ली एब्दो के साथ एकजुटता दिखायी। 

आज के दौर में कोई नहीं चाहता की कोई उनकी आज़ादी और अधिकारों को उनसे छीने, सबके लिए आज़ादी के अलग-अलग मायने हैं और यहीं मायने हर व्यक्ति की आज़ादी को विशेष बनाते है।

Author

  • किरण / Kiran D.

    किरण ग्राम देवली, जिला बड़वानी से हैं। वर्तमान में इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्यप्रदेश से एम.ए.जनसंचार में अध्ययनरत हैं।

Leave a Reply