नीतू: वीमेन इंपावरमेंट यानी ‘महिला सशक्तीकरण’ कई साल से फैशन में है। सरकारों के साथ बहुत सी गैर सरकारी संस्थाएं इसके लिए काम कर रही

युवाओं की दुनिया
नीतू: वीमेन इंपावरमेंट यानी ‘महिला सशक्तीकरण’ कई साल से फैशन में है। सरकारों के साथ बहुत सी गैर सरकारी संस्थाएं इसके लिए काम कर रही
अमित: आज भी देश के गाँवों में ऐसा माहौल है कि एक दलित किसी उच्च जाति के लोगों के ख़िलाफ़, बिना पिटने की संभावना के
अनूप उरांव: मानव की उत्पत्ति के क्षण से ही साहित्य का विकास भी होता गया। मानव के जन्म के साथ ही साहित्य सृजन की परम्परा
स्मृति नेहा कुजूर: मैं 14 वर्षीय स्मृति नेहा कुजूर इस लेख के द्वारा अपने अनुभव साझा कर रही हूँ। इस साल फिर से मुझे केंद्रीय
अजय कन्नौजे: प्रकृति से ही लिया है, तो उसे लौटाना पड़ेगा, प्रकृति से ही जीवन है, तो उसे मनाना पड़ेगा। संघर्ष से ही जीत है,
अफ़ाक उल्लाह: पुस्तकें इंसानों की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। अच्छी पुस्तकें ज्ञानवर्धन के साथ-साथ भाषा कौशल और शब्दावली विकसित करती हैं तथा तनाव को